लोकतांत्रिक राजनीति || Class 10 Chapter 1 सत्ता की साझेदारी Notes in Hindi

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अध्याय - 1
"सत्ता की साझेदारी"

स्मरणीय वातें :-
1. बेल्जियम - यूरोप का एक छोटा सा देश जो क्षेत्रफल में भारतीय राज्य हरियाणा से भी छोटा है।
2, बेल्जियम के पड़ोसी देश - क्रास, नीदरलैंड, जर्मनी और लक्समवर्ग।
3. बेल्जियम की आबादी - एक करोड़ से थोड़ी अधिक।
4. बेल्जियम की आबादी में विभिन्न भाषा बोलने वाले लोगों का प्रतिशत - इच 59 प्रतिशत, फ्रेंच-40 प्रतिशत, जर्मन 1 प्रतिशत।
5. ब्रुसेल्स - बेल्जियम की राजधानी
6. एचनीक या जातीय - ऐसा सामाजिक विभाजन जिसमें हर समूह अपनी-अपनी संस्कृति को अलग मानता है। यह साझी संस्कृति पर आधारित सामाजिक विभाजन है।
7. श्रीलंका - तमिलनाडु के दक्षिणी तट से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित एक द्विपीय देश।
8. . श्रीलंका की जनसंख्या - लगभग 2 करोड़।
9. श्रीलंका की आबादी में विभिन्न जातीय समूहों का प्रतिशत - सिंहली-74 प्रतिशत, तमिल-18 प्रतिशत, ईसाई-7 प्रतिशत, अन्य 1 प्रतिशत।
10. ईलम- यह तमिल भाषा का शब्द है जिसका अर्थ है- सरकार।
11. सन् 1948 में श्रीलका एक स्वतंत्र राष्ट्र बना।
12. सन् 1956 में सिंहली भाषा को एकमात्र राजभाषा घोषित किया गया।.
13. बहुसंख्यकवाद- ऐसी मान्यता जिसमें यह समझा जाता है कि कोई बहुसंख्यक समुदाय अपने मनचाहे ढंग से देश पर शासन कर सकता है और
अल्पसंख्यक समुदाय की जरूरत या इच्छाओं की अवहेलना कर सकता है।
14. गृहयुद्ध - जब किसी देश में विभिन्न सरकार विरोधी गुट हिंसक लड़ाई में शामिल हो जाता है और युद्ध का रूप ले लेता है।
15. विभिन्न सामाजिक समूहों में सत्ता का विभाजन जिससे अधिक से अधिक लोग सत्ता में साझीदार बन सकें, सत्ता की साझेदारी कहते हैं।
16. युक्तिपरक - कोई भी फैसला जो नैतिकता के विपरीत, लाभ-हानि को ध्यान में रखकर लिया गया हो।
17. सत्ता का क्षेतिज वितरण - सत्ता को सरकार के विभिन्न अंगों जैसे - विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में बांटना।
18. सत्ता का उर्ध्वाधर वितरण - सत्ता को विभिन्न स्तर के सरकारों के मध्य बांटना। जैसे- केन्द्रीय सरकार, प्रांतीय सरकार, स्थानीय सरकार आदि।
19. सामुदायिक सरकार - विभिन्न धार्मिक, भाषायी और सामाजिक समूहों द्वारा अपने लिए चुनी हुई सरकार।
20. नियंत्रण और संतुलन की व्यवस्था - ऐसी लोकतांत्रिक व्यवस्था जिसमें न्यायपालिका की नियुक्ति कार्यपालिका द्वारा होती है, परंतु न्यायपालिका ही कार्यपालिका पर और विधायिका द्वारा बनाए गए कानूनों पर अंकुश रखती है।

 


1 अंक वाले प्रश्न :-.

1. 1970 और 1993 के बीच बेल्जियम के संविधान में कितनी बार संशोधन किए गए?

उत्तर :- चार बार


2. श्रीलंका में सिंहली समुदाय की प्रभुता कायम करने के लिए किस प्रकार की सरकार का गठन किया गया है?

उत्तर :- बहुसंख्यकवाद सरकार।


3. बेल्जियम में किस जातीय समूह की आबादी सबसे अधिक है ?

उत्तर :- डच


4. श्रीलंका में सबसे अधिक संख्या किस सामाजिक समूह की है ?

उत्तर :- सिंहली


5. बेल्जियम में मुख्य रूप से कौन सी दो भाषाएँ बोली जाती हैं ?

उत्तर :- डच और फ्रेंच


6. यूरोपीय संघ का मुख्यालय कहाँ स्थित है ? .

उत्तर :- ब्रुसेल्स


7. बेल्जियम में कौन सा अल्पसंख्यक वर्ग अमीर और शक्ति संपन्न है?

उत्तर :- फ्रेंच


8. बहुसंख्यकवाद के कारण कौन सा देश लंबे समय तक गृहयुद्ध की आग में झुलसता रहा?

उत्तर :- श्रीलंका


9. सत्ता की साझेदारी किस चीज में सर्वाधिक सहायक है?

उत्तर :- संघर्ष को रोकने में


10. बेल्जियम में सामुदायिक सरकार का चुनाव किसके द्वारा किया जाता है ?

उत्तर :- भाषा के आधार पर (डच, फ्रेंच और जर्मन बोलने वाले लोग)


11. श्रीलंका में सिंहली भाषी लोगों का संबंध किस धर्म से है ?

उत्तर :- बौद्ध धर्म से

 


3/5 अंक वाले प्रश्न :-

1. सत्ता की साझेदारी के विभिन्न रूपों का उल्लेख कीजिए?

उत्तर :- 1) सत्ता का क्षैतिज वितरण - विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका।
2) सत्ता का उर्ध्वाधर वितरण - केन्द्रीय सरकार, प्रांतीय सरकार और स्थानीय सरकार।
3) सामुदायिक सरकार - विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी।
4) दबाव समूह - दबाव समूहों के द्वारा भागदारी।

 
2. बेल्जियम के समाज में विभिन्न भाषायी लोगों के बीच तनाव के क्या कारण थे?

उत्तर :- 1) बहुसंख्यक डच की अवहेलना
2) अल्पसंख्यक फ्रेंच का अधिक ताकतवर और समृद्ध होना।
3) आर्थिक विकास और शिक्षा का लाभ एक खास समुदाय तक सीमित रहना।
4) राजनीतिक सत्ता एक समुदाय विशेष में केंद्रित थी।

 

3. श्रीलंका में बहुसंख्याकवाद ने किस प्रकार सामाजिक तनाव को जन्म दिया?

उत्तर :- 1) बहुसंख्यकवाद के तहत सिंहलियों के हितों का विशेष ध्यान रखा गया।
2) सभी महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सिंहलियों का एकाधिकार।
3) सिंहली को एकमात्र राजभाषा का दर्जा।
4) तमिलों के हितों को दरकिनार करना।
5) तमिलों को राजनीतिक अधिकार से वंचित रखना।

 

4. सत्ता की साझेदारी क्यों आवश्यक है ? तर्क दीजिए।

उत्तर :- 1) विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच टकराव को कम करना।
2) यह लोकतांत्रिक मूल्यों के अनुकूल है।
3) यह राजनीतिक अस्थिरता को कम करता है।
4) सत्ता में अधिक से अधिक लोगों को भागीदार बनाता है।

 

5. सामाजिक विविधताओं वाले शासन में सत्ता का बँटवारा किस प्रकार किया जा सकता है?

उत्तर :- 1) विभिन्न सामाजिक समूहों जैसे - भाषायी और धार्मिक समूहों के बीच सत्ता का विभाजन।
2) सामाजिक रूप से पिछड़े हुए लोगों और महिलाओं को विधायिका में हिस्सेदारी देना।
3) अल्पसंख्यक समुदायों को आरक्षण देकर।
4) अत्यंत पिछड़े हुए वर्ग के लिए अलग से सरकारी नीतियां बनाना।

 
6. श्रीलंका में पास हुए 1950 के कानून के अनुसार सिंहली लोगों के वर्चस्व के तीन प्रावधान लिखिए।

उत्तर :- 1) सिंहली भाषा को श्रीलंका की राजकीय भाषा घोषित करना।
2) सिंहली लोगों को शिक्षण संस्थाओं और सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देना।
3) सिंहली लोगों को राजनैतिक प्रक्रिया में स्वतंत्र रूप से भाग लेने का अधिकार।
4) बौद्ध धर्म को पूजा अर्चना की पूर्ण स्वतंत्रता।

 
7. सत्ता के ऊर्ध्वाधर वितरण और क्षैतिज वितरण में अंतर स्पष्ट करें।

उत्तर :- * उर्ध्वाधर वितरण
i) इसके अंतर्गत सरकार के विभिन्न स्तरों (केन्द्र, राज्य, स्थानीय सरकार) में सत्ता का बँटवारा होता है।
ii) इसमें उच्चतर तथा निम्नतर स्तर की सरकारें होती हैं।
iii) इसमें निम्नतर अंग उच्चतर अंग के अधीन काम करते हैं।

* क्षैतिज वितरण :-
i) इसके अंतर्गत सरकार के विभिन्न अंगों (विधायिका, कार्य पालिका, न्यायपालिका) के बीच सत्ता का बँटवारा होता है।
ii) इसमें सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी शक्ति का उपयोग करते है।
iii) इसमें प्रत्येक अंग एक दूसरे पर नियंत्रण रखता है।

 

8. श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद तथा इसके प्रभावों का वर्णन करें।

उत्तर :- * श्रीलंका में बहुसंख्यकवाद :-
i) सिंहली को एकमात्र राजभाषा घोषित करना।
ii) विश्वविद्यालयों और सरकारी नौकरियों में सिंहलियों को प्राथमिकता।
iii) सरकार द्वारा बौद्ध मत को संरक्षण और बढ़ावा देना।

बहुसंख्यकवाद का प्रभाव :-
1) तमिलों की नाराजगी और शासन के प्रति वेगानेपन को बढ़ावा।
2) 1980 के दशक में उत्तर-पूर्वी श्रीलंका में स्वतंत्र तमिल ईलम बनाने की माँग।
3) सिंहली और तमिलों के बीच टकराव तथा गृहयुद्ध का जन्म।
4) गृहयुद्ध के कारण हजारों लोगों का मारा जाना तथा बेघर होना।
5) युद्ध के कारण देश के सामाजिक, सांस्कृतिक और आर्थिक जीवन में दुष्प्रभाव।

 
9. बेल्जियम में सामाजिक विविधताओं से उत्पन्न
समस्याओं का समाधान कैसे किया गया?

उत्तर :- बेल्जियम में सामाजिक विविधताओं से उत्पन्न समस्याओं का समाधान :-
1) केंद्रीय सरकार में डच और फ्रेंच भाषी मंत्रियों की समान संख्या।
2) केन्द्रीय सरकार की अनेक शक्तियों को क्षेत्रीय सरकारों को सौंपना
3) केन्द्रीय सरकार में दोनों समुदायों का समान प्रतिनिधित्व
4) सामुदायिक सरकार का गठन
5) क्षेत्रीय और सामुदायिक सरकारों को विभिन्न मामलों में निर्णय लेने की स्वतंत्रता।

 

10. विभिन्न दबाव समूह और राजनीतिक दल किस प्रकार सत्ता के बँटवारे में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं ?

उत्तर :- 1) व्यापारी, उद्योगपति, किसान और औद्योगिक मजदूर जैसे कई संगठित हित समूहों का सक्रिय होना।
2) हित समूह एवं दवाव समूह का सरकार की विभिन्न समितियों में सीधी भागीदारी करना।
3) सरकार के ऊपर दबाव बनाकर महत्वपूर्ण फैसले के लिए सरकार को बाध्य करना।
4) अपने अपने वर्ग के हितों को बढ़ावा देना।
5) जनता की मुख्य समस्याओं की तरफ सरकार का ध्यान आकर्षित करना।

 

11. तमिल भाषी लोगों की क्या माँग है?

उत्तर :- श्रीलंका में तमिल भाषी लोगों ने अपने राजनीतिक दलों के माध्यम से निम्नलिखित माँगें रखी हैं-
1) तमिल भाषा को राजभाषा बनाया जाए।
2) क्षेत्रिय स्वायत्तता दी जाए।
3) अन्य जातीय समूहों के समान शिक्षा तथा रोजगार की सुविधाएँ दी जाए।
4) 1980 के दशक में तमिल सरकार बनाने की मांग की थी।

 

12. भारत में विभिन्न राज्यों द्वारा अधिक स्वायत्तता की मांग उठाई जाती रही है? क्या उन्हें अधिक शक्तियाँ दी जानी चाहिए या नहीं? कथन की पष्टि
कीजिए?

उत्तर :- भारत में एक सशक्त केन्द्रीय सरकार है और संघीय संविधान है जो
विविधताओं को समेट सकता है। परन्तु अनेक राज्यों ने केन्द्र के मुकाबले
ज्यादा स्वायत्तता की मांग उठाई। इसके समर्थन में तर्कः-
1) शक्ति विभाजन को राज्यों के पक्ष में बदला जाए और राज्यों को ज्यादा महत्वपूर्ण अधिकार दिए जाएं।
2) आय के स्वतंत्र साधन हो तथा संसाधन पर भी राज्य का नियंत्रण हो।
3) प्रशासकीय शक्तियाँ प्राप्त हो।
4) राज्यों को वित्तीय स्वायत्तता तथा प्रशासकीय स्वायत्तता प्रदान कर वर्तमान ढाँचे को अधिक कार्यकशल और सामंजस्यपूर्ण बनाया जा
सकता है।

 

 

प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

 


प्रश्न 1. आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अलग-अलग तरीके क्या हैं? इनमें से प्रत्येक का एक उदाहरण भी दें।

उत्तर :- आधुनिक लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं में सत्ता की साझेदारी के अनेक रूप हो सकते हैं, जो निम्नलिखित हैं –

1. शासन के विभिन्न अंगों के बीच बँटवारा – शासन के विभिन्न अंग, जैसे-विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका के बीच सत्ता का बँटवारा रहता है। इसमें सरकार के विभिन्न अंग एक ही स्तर पर रहकर अपनी-अपनी शक्ति का उपयोग करते हैं। इसमें कोई भी एक अंग सत्ता का असीमित प्रयोग नहीं करता, हर अंग दूसरे पर अंकुश रखता है। इससे विभिन्न संस्थाओं के बीच सत्ता का संतुलन बना रहता है। इसके सबसे अच्छे उदाहरण अमेरिका व भारत हैं। यहाँ विधायिका कानून बनाती है, कार्यपालिका कानून को लागू करती है तथा न्यायपालिका न्याय करती है। भारत में कार्यपालिका संसद के प्रति उत्तरदायी है, न्यायपालिका की नियुक्ति कार्यपालिका करती है, न्यायपालिका, कार्यपालिका और विधायिका के कानूनों की जाँच करके उन पर नियंत्रण रखती है।

2. सरकार के विभिन्न स्तरों में बँटवारा – पूरे देश के लिए एक सरकार होती है जिसे केंद्र सरकार या संघ सरकार कहते हैं। फिर प्रांत या क्षेत्रीय स्तर पर अलग-अलग सरकारें बनती हैं, जिन्हें अलग-अलग नामों से पुकारा जाता है। भारत में इन्हें राज्य सरकार कहते हैं। इस सत्ता के बँटवारे वाले देशों में संविधान में इस बात का स्पष्ट उल्लेख होता है कि केन्द्र और राज्य सरकारों के बीच सत्ता का बँटवारा किस तरह होगा। सत्ता के ऐसे बँटवारे को ऊध्र्वाधर वितरण कहा जाता है। भारत में केंद्र और राज्य स्तर के अतिरिक्त स्थानीय सरकारें भी काम करती हैं। इनके बीच सत्ता के बँटवारे के विषय में संविधान में स्पष्ट रूप से लिखा गया है जिससे विभिन्न सरकारों के बीच शक्तियों को लेकर कोई तनाव न हो।

3. विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता का बँटवारा – कुछ देशों के संविधान में इस बात का प्रावधान है कि सामाजिक रूप से कमजोर समुदाय और महिलाओं को विधायिका और प्रशासन में हिस्सेदारी दी जाए ताकि लोग स्वयं को शासन से अलग न समझने लगे। अल्पसंख्यक समुदायों को भी इसी तरीके से सत्ता में उचित हिस्सेदारी दी जाती है। बेल्जियम में सामुदायिक सरकार इस व्यवस्था का अच्छा उदाहरण है।

4. राजनीतिक दलों व दबाव समूहों द्वारा सत्ता का बँटवारा – लोकतांत्रिक व्यवस्था में सत्ता बारी-बारी से अलग अलग विचारधारा और सामाजिक समूहों वाली पार्टियों के हाथ आती-जाती रहती है। लोकतंत्र में हम व्यापारी, उद्योगपति, किसान और औद्योगिक मजदूर जैसे कई संगठित हित समूहों को भी सक्रिय देखते हैं। सरकार की विभिन्न समितियों में सीधी भागीदारी करने या नीतियों पर अपने सदस्य वर्ग के लाभ के लिए दबाव बनाकर ये समूह भी सत्ता में भागीदारी करते हैं। अमेरिका इसका अच्छा उदाहरण है। वहाँ दो राजनीतिक दल प्रमुख हैं जो चुनाव लड़कर सत्ता प्राप्त करना चाहते हैं तथा दबाव समूह चुनावों के समय व चुनाव जीतने के बाद राजनीतिक दलों की आर्थिक मदद करके, सार्वजनिक नीतियों को प्रभावित करके सत्ता में भागीदारी निभाते हैं।

 

प्रश्न 2. भारतीय संदर्भ में सत्ता की हिस्सेदारी का एक उदाहरण देते हुए इसका एक युक्तिपरक और एक नैतिक कारण बताएँ।

उत्तर :- भारत में सत्ता का बँटवारा सरकार के विभिन्न स्तरों के बीच हुआ है, जैसे-केंद्र सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय सरकार।

• युक्तिपरक कारण – भारत एक घनी आबादी वाला देश है। पूरे देश के लिए एक ही सरकार के द्वारा कानून बनाना, शांति तथा व्यवस्था बनाना संभव नहीं है। इसलिए सरकार को विभिन्न स्तरों में बाँट दिया गया है और उनके बीच कार्यों का बँटवारा संविधान में लिखित रूप से कर दिया गया है, जिससे ये सरकारें बिना झगड़े देश के लोगों के हितों को ध्यान में रखकर शासन कर सकें।

• नैतिक कारण – लोकतंत्रीय देश में सत्ता का बँटवारा जरूरी है। यदि एक ही प्रकार की सरकार होगी तो वह निरंकुश हो जाएगी, ज्यादा से ज्यादा लोगों की भागीदारी शासन में नहीं हो पाएगी जो कि लोकतंत्र के लिए जरूरी है। इसलिए भारत में विभिन्न स्तरों पर सरकारों का वर्गीकरण कर दिया गया है।

 

प्रश्न 3. इस अध्याय को पढ़ने के बाद तीन छात्रों ने अलग-अलग निष्कर्ष निकाले। आप इनमें से किससे सहमत हैं और क्यों? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में दें।
थम्मन – जिन समाजों में क्षेत्रीय, भाषायी और जातीय आधार पर विभाजन हो सिर्फ वहीं सत्ता की साझेदारी जरूरी है।
मथाई – सत्ता की साझेदारी सिर्फ ऐसे देशों के लिए उपयुक्त है जहाँ क्षेत्रीय विभाजन मौजूद होते हैं।
औसेफ – हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है। भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हो।

उत्तर :- हम औसेफ के निष्कर्ष से सहमत हैं कि हर समाज में सत्ता की साझेदारी की जरूरत होती है। भले ही वह छोटा हो या उसमें सामाजिक विभाजन न हो। क्योंकि सत्ता का बँटवारा लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं के लिए ठीक है। सत्ता की साझेदारी वास्तव में लोकतंत्र की आत्मा है। लोकतंत्र का मतलब ही होता है कि जो लोग इस शासन व्यवस्था के अंतर्गत हैं उनके बीच सत्ता को बाँटा जाए और ये लोग इसी ढर्रे में रहें। वैध सरकार वही है जिसमें अपनी भागीदारी के माध्यम से सभी समूह शासन व्यवस्था से जुड़ते हैं।

 

प्रश्न 4. बेल्जियम में ब्रुसेल्स के निकट स्थित शहर मर्चटेम के मेयर ने अपने यहाँ के स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताया है। उन्होंने कहा कि इससे डच भाषा न बोलने वाले लोगों को इस फ्लेमिश शहर के लोगों से जुड़ने में मदद मिलेगी। क्या आपको लगता है कि यह फैसला बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल भावना से मेल खाता है? अपना जवाब करीब 50 शब्दों में लिखें।

उत्तर :- स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर लगी रोक को सही बताना बेल्जियम की सत्ता की साझेदारी की व्यवस्था की मूल भावना के खिलाफ है। बेल्जियम में जो व्यवस्था अपनाई गई उसमें सभी भाषाओं के लोगों को समान अधिकार दिए गए थे। इसलिए स्कूलों में फ्रेंच बोलने पर रोक लगाना सही नहीं है क्योंकि ऐसा करने से फ्रेंच भाषी लोगों की भावनाओं का हनन होता है।

 

प्रश्न 5. नीचे दिए गए उद्धरण को गौर से पढ़ें और इसमें सत्ता की साझेदारी के जो युक्तिपरक कारण बताए गए हैं उनमें से किसी एक का चुनाव करें।
महात्मा गांधी के सपनों को साकार करने और संविधान निर्माताओं की उम्मीदों को पूरा करने के लिए हमें पंचायतों को अधिकार देने की जरूरत है। पंचायती राज ही वास्तविक लोकतंत्र की स्थापना करता है। यह सत्ता उन लोगों के हाथों में सौंपता है जिनके हाथों में इसे होना चाहिए। भ्रष्टाचार को कम करने और प्रशासनिक कुशलता को बढ़ाने का एक उपाय पंचायतों को अधिकार देना भी है। जब विकास की योजनाओं को बनाने और लागू करने में लोगों की भागीदारी होगी तो इन योजनाओं पर उनका नियंत्रण बढ़ेगा। इससे भ्रष्ट बिचौलियों को खत्म किया जा सकेगा। इस प्रकार पंचायती राज लोकतंत्र की नींव को मजबूत करेगा।”

उत्तर :- इस उद्धरण में बताया गया है कि पंचायतों के स्तर पर सत्ता को बँटवारा जरूरी है क्योंकि इससे भ्रष्टाचार कम होगा तथा प्रशासनिक कुशलता बढ़ेगी। पंचायतों के अधीन जब आम लोग स्वयं अपने लिए विकास की योजनाएँ बनाएँगें और उन्हें लागू करेंगे तो भ्रष्ट बिचौलियों को समाप्त किया जा सकता है। जब स्थानीय लोग स्वयं योजनाएँ बनाएँगे तो उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र होगा, क्योंकि किसी स्थान विशेष की समस्याएँ वहाँ के लोग भली-भाँति समझते हैं। इस प्रकार विकास करने के लिए जरूरी है कि पंचायतों को अधिकार सौंपे जाएँ जिससे लोकतंत्र की नींव मजबूत हो।

 
प्रश्न 6. सत्ता के बँटवारे के पक्ष और विपक्ष में कई तरह के तर्क दिए जाते हैं। इनमें से जो तर्क सत्ता के बँटवारे के पक्ष में हैं उनकी पहचान करें और नीचे दिए गए कोड से अपने उत्तर का चुनाव करें।
* सत्ता की साझेदारीः
(क) विभिन्न समुदायों के बीच टकराव को कम करती है।
(ख) पक्षपात का अंदेशा कम करती है।
(ग) निर्णय लेने की प्रक्रिया को अटका देती है।
(घ) विविधताओं को अपने में समेट लेती है।
(ङ) अस्थिरता और आपसी फूट को बढ़ाती है।
(च) सत्ता में लोगों की भागीदारी बढ़ाती है।
(छ) देश की एकता को कमजोर करती है।
सा क ख घ च
रे क ग ङ. च
गा क ख घ. छ
म. ख. ग. घ. . छ

उत्तर :- (सा) क, ख, घ, च।

 


प्रश्न 7. बेल्जियम और श्रीलंका की सत्ता में साझीदारी की व्यवस्था के बारे में निम्नलिखित बयानों पर विचार करें :
(क) बेल्जियम में डच भाषी बहुसंख्यकों ने फ्रेंच भाषी अल्पसंख्यकों पर अपना प्रभुत्व जमाने का प्रयास किया।
(ख) सरकार की नीतियों ने सिंहली भाषी बहुसंख्यकों का प्रभुत्व बनाए रखने का प्रयास किया।
(ग) अपनी संस्कृति और भाषा को बचाने तथा शिक्षा तथा रोजगार में समानता के अवसर के लिए श्रीलंका के तमिलों ने सत्ता को संघीय ढाँचे पर बाँटने की माँग की।
(घ) बेल्जियम में एकात्मक सरकार की जगह संघीय शासन व्यवस्था लाकर मुल्क को भाषा के आधार पर टूटने से बचा लिया गया।

उत्तर :- दिए गए बयानों में से कौन-से सही हैं?
(सा) क, ख, ग और घ (रे) क,ख और घ (गा) ग और घ (मा) ख, ग और घ।
उत्तर (मा) ख, ग, घ।

 


प्रश्न 8. सूची I ( सत्ता के बँटवारे के स्वरूप ) और सूची II ( शासन के स्वरूप ) में मेल कराएँ और नीचे दिए गए कोड का उपयोग करते हुए सही जवाब दें :\
* सूची I
1. सरकार के विभिन्न अंगों के बीच सत्ता का बँटवारा।
2. विभिन्न स्तर की सरकारों के बीच अधिकारों का बँटवारा।
3. विभिन्न सामाजिक समूहों के बीच सत्ता की साझेदारी।
4. दो या अधिक दलों के बीच सत्ता की साझेदारी।
* सूची II
(क) सामुदायिक सरकार
(ख) अधिकारों का वितरण
(ग) गठबंधन सरकार
(घ) संघीय सरकार
1. 2. 3 4.
सा घ. क ख ग
रे ख. ग घ क
गा ख घ क ग
मा ग घ क ख

उत्तर (गा) 1. ख, 2. घ, 3. क, 4. ग।

 


प्रश्न 9. सत्ता की साझेदारी के बारे में निम्नलिखित दो बयानों पर गौर करें और नीचे दिए गए कोड के आधार पर जवाब दें :
(अ) सत्ता की साझेदारी लोकतंत्र के लिए लाभकर है।
(ब) इससे सामाजिक समूहों में टकराव का अंदेशा घटता है।
इन बयानों में से कौन सही हैं और कौन गलत?
क. अ सही है लेकिन ब गलत है।
ख. अ और ब दोनों सही हैं।
ग. अ और ब दोनों गलत हैं।
घ. अ गलत है लेकिन व सही है।

उत्तर (ख) अ और ब दोनों सही हैं।


 

लोकतांत्रिक राजनीति || Class-10 Chapter 2 संघवाद Notes in Hindi


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